केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आज सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। इस फैसले के बाद अब केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मियों का वेतन बढ़ेगा और करीब 50 लाख पेंशनभोगियों के भुगतान में बंपर इजाफा होगा। केंद्र सरकार ने जनवरी में मंत्रिमंडलीय सचिव पी. के. सिन्हा के नेतृत्व में उच्चाधिकार प्राप्त सचिवों की एक समिति का गठन किया था। इस समिति को वेतन आयोग की संस्तुतियों पर विचार करना था।
समिति ने अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंपी थी। आयोग ने सिफारिश की थी कि न्यूनतम वेतन 18 हजार प्रति माह होना चाहिए जबकि अधिकतम वेतनमान की सीमा प्रति माह 2 लाख 25 हजार रुपए होनी चाहिए। मंत्रिमंडलीय सचिव और अन्य के लिए जो अभी समान वेतनमान में हैं, उनका अधिकतम वेतनमान 2 लाख 50 हजार रुपए प्रतिमाह हो। इस वेतनमान को लागू करने की अनुशंसा एक जनवरी 2016 से की गई है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब वेतन में इन सिफारिशों के अनुसार बढ़ोतरी होगी।
वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से सरकारी आकलन के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2016-17 में करीब 1 लाख 2 हजार 100 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा। वेतन मद में खर्च में 39 हजार 100 करोड़ का इजाफा होगा जबकि भत्तों के मद में 29 हजार 300 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी। पेंशन मद में 33 हजार 700 करोड़ रुपए खर्च बढ़ेगा।