किसान विरोधी प्रावधानों को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि यह विधेयक किसान समुदाय के लिए स्वीकार्य नहीं है। विधेयक में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे किसानों को फायदा पहुंचे। सरकार को लोगों और किसानों के मतों पर विचार करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। पीएम केवल बोलते हैं करते कुछ नहीं, हमेंसंशोधनों में कोई रुचि नहीं है हम चाहते हैं कि इसे रद्द कर दिया जाए। भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ अन्ना हजारे ने फिर से आंदोलन करने की बात कही है और इसलिए ही उन्होंने सोमवार को ऐलान किया कि वो 25 मार्च से भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ पदयात्रा शुरू करेंगे जो कि एक महीने चलेगी। 77 साल के अन्ना ने कहा कि वो किसानों के हक के लिए 2,100 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। अन्ना की यह पदयात्रा 25 मार्च को शुरू होगी और 27 अप्रैल को दिल्ली के रामलीला मैदान में समाप्त होगी। यह पदयात्रा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश होते हुए दिल्ली पहुंचेगी। इसका उद्देश्य सरकार के किसान विरोधी भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में जनता की राय बनाना है। महाराष्ट्र और भारत के अन्य हिस्सों के विभिन्न किसान समूहों ने इस पदयात्रा का समर्थन किया है और वे इसमें शामिल होने के लिए अपने स्वयंसेवकों को भेजने की तैयारी में हैं। पदयात्रा शुरू करने से पहले अन्ना क्रांतिकारी भगत सिंह के पंजाब स्थित गांव जाएंगे और 23 मार्च को उनके शहीदी दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।अपनी पदयात्रा के बारे में बात करते हुए अन्ना ने मीडिया से कहा कि वो सच के साथ अन्याय के खिलाफ लड़ने जा रहे हैं जिसमें किसी भी हिंसा की जगह नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि रामलीला मैदान में किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को मंच पर जाने की अनुमति नहीं होगी।