आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की ओर से हाल में टीवी चैनलों पर दिए गए विज्ञापनों पर बीजेपी और कांग्रेस भड़क गई हैं। दोनों पार्टियों ने इसे हाल में सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के खिलाफ और महिला विरोधी बताया है। कांग्रेस और बीजेपी का कहना है कि ऐड में पुरुष घर में बैठे सिर्फ टीवी देख रहा है और महिला सब्जी लाने, बच्चे को स्कूल छोड़ने और खाना बनाने समेत सारे काम करती दिख रही हैं। सरकारी ऐड में केजरीवाल के कथित महिमामंडन पर आप छोड़ चुके नेताओं ने भी सवाल उठाए हैं।बीजेपी ने दिल्ली सरकार के विज्ञापन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताते हुए कहा है कि अगर इन्हें तुरंत नहीं हटाया गया तो वह कोर्ट जाएगी। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव आरपी सिंह ने बयान जारी कर कहा कि विज्ञापन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का चेहरा नहीं दिखाया जा रहा रहा है, लेकिन नौ बार उनका नाम लेकर उन्हें मसीहा बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें अन्य दलों के नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों, मीडिया को खलनायक की तरह पेश किया गया है। बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने इस विज्ञापन को झूठा और फरेब से भरा करार दिया है। उन्होंने कहा कि इसमें केजरीवाल ने खुद का प्रचार करवाया है। बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी कहा कि यह विज्ञापन सुप्रीम कोर्ट के फैसले की भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विज्ञापन में महिला को इस तरह से चित्रित किया गया है, जैसे घर के काम ही उसकी नियति हो। उन्होंने कहा कि हम राजनेताओं का दायित्व है कि महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए पहल करें और हम ही ऐसे विज्ञापन जारी करेंगे, तो यह सूरत कैसे बदलेगी।आपको बता दें कि देश के सभी प्रमुख चैनलों पर पिछले तीन दिनों से दिल्ली सरकार का यह विज्ञापन आ रहा है। इसके अलावा आज सभी प्रमुख अखबारों में भी सरकार ने अपनी कथित उपलब्धियों का जिक्र करते हुए फुल पेज का विज्ञापन दिया है। वहीं दिल्ली सरकार के टीवी वाले विज्ञापन पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि इसमें कुछ गलत नहीं है। पार्टी के नेता आशुतोष के मुताबिक, इस विज्ञापन में केजरीवाल का चेहरा नहीं दिखाया गया है इसलिए इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं है।