दोनों की दोस्ती से चीन सरकार चिंतित

January 27, 2015 | 04:45 PM | 23 Views

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की दोस्ती चीन को रास नहीं आई है। चीनी मीडिया ने दोनों नेताओं के बीच उभरती हुई केमेस्ट्री को सतही दोस्ती करार दिया है। न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत को सदस्यता दिलाने के अमेरिकी वादे पर चीन ने ठंडे अंदाज में कहा है कि ऐसे किसी भी कदम पर सभी सदस्य देशों द्वारा सावधानीपूर्वक विचार किए जाने की जरूरत है। चीन सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में नए सदस्यों को ‌शामिल करने पर विचार-विमर्श हो लेकिन भारत भी समूह में मानकों को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाए। समूह के मानकों से चीन का आशय परमाणु अप्रसार संधि से माना जा रहा है। चीन की इच्छा है कि न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में शामिल होने से पहले भारत परमाणु अप्रसार संधि पर दस्तखत करे। चीन की इच्छा भारत के रास्‍ते का रोड़ा भी बन सकती है। भारत परमाणु अप्रसार संधि पर दस्तखत करने के मसले पर शायद ही तैयार हो। न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप ही परमाणु संबंधी सभी कारोबारों को नियंत्रित करता है। समूह का सदस्य बनने के बाद सदस्य देशों के बीच तकनीकी और परमाणु सामग्रियों का आदान-प्रदान सरलता से होता है।

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