कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में एक विशेष अदालत ने कांग्रेस नेता एवं उद्योगपति नवीन जिंदल, पूर्व कोयला राज्य मंत्री दासारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और सात अन्य की जमानत आज मंजूर कर ली।जिंदल, राव, कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव हरीश चंद्र गुप्ता और अन्य आरोपी के रूप में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत प्रसाद के समक्ष पेश हुए और उन्होंने जमानत के लिए अलग अलग याचिकाएं दायर कीं।जिंदल की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील रमेश गुप्ता ने जिरह के दौरान कहा कि सीबीआई ने जब कभी बुलाया उनके मुवक्किल ने जांच में सहयोग किया और ऐसी कोई आशंका नहीं है कि वह फरार होंगे। अन्य नौ आरोपियों के वकीलों ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किलों को जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया और उनमें से किसी के भी फरार होने की आशंका नहीं है।वरिष्ठ लोक अभियोजक वीके शर्मा ने जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि मामले के आरोपी हाई प्रोफाइल उद्योगपति और राजनेता हैं और अभियोजन पक्ष के अधिकतर गवाह उनके कर्मचारी हैं।वे जमानत मंजूर किए जाने पर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।न्यायाधीश ने दलीलें सुनने के बाद सभी दस आरोपियों की जमानत मंजूर कर ली और कहा कि एक-एक लाख रूपए के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर सभी दस आरोपियों की जमानत मंजूर की जाती है।अदालत ने आरोपियों को उसकी अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने का आदेश दिया और मामले की आगे की सुनवाई एक जून को नियत की।जिंदल, राव, कोड़ा और गुप्ता के अलावा जिन अन्य आरोपियों की जमानत मंजूर की गई है, उनमें नई दिल्ली एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सुरेश सिंघल, जिंदल रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजीव जैन, गगन स्पॅन्ज आयरन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसआईपीएल) के निदेशक गिरीश कुमार सुनेजा एवं राधा कृष्ण सराफ, सौभाग्य मीडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रामकृष्ण प्रसाद और चार्टर्ड अकाउंटेंट ज्ञान स्वरूप गर्ग शामिल हैं।सीबीआई ने मामले में दायर किए गए अपने आरोप पत्र में कहा है कि जिंदल ने अपने समूह की कंपनियों के लिए अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला ब्लॉक के आवंटन की सिफारिश के एवज में झारखंड की तत्कालीन अस्थिर मधु कोड़ा सरकार को कांग्रेस के समर्थन का वादा किया था। कोड़ा कांग्रेस, राजद और अन्य के समर्थन से 14 सितंबर 2006 से 23 अगस्त 2008 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। वह उस समय एक निर्दलीय विधायक थे।अदालत ने आरोपियों को समन जारी करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया जिंदल ने झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन अनुचित तरीके से हासिल करने के लिए पूरे सरकार तंत्र में गड़बड़ी की। न्यायाधीश ने पूर्व में कहा था कि सीबीआई द्वारा दाखिल आरोप पत्र प्रथम दृष्टया यह दर्शाता है कि जिंदल ने अपनी दो फर्मों जेएसपीएल और जीएसआईपीएल के लिए कोयला ब्लॉक का आवंटन हासिल करने की खातिर षडयंत्र रचने में अहम भूमिका निभाई।