रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आतंकवाद को खत्म करने को लेकर बड़ा बयान दिया है।पर्रिकर ने कहा कि आतंकियों को मारने के लिए आतंकी बनाने में क्या बुराई है।एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कई लोग पैसों के बहकावे में आकर आतंकवादी बन जाते हैं।अगर ऐसे लोग हैं तो फिर हम उनका इस्तेमाल क्यों नहीं करें।उन्होंने कहा कि आतंकियों के खिलाफ आतंकी इस्तेमाल करने में क्या नुकसान है।हमारे सैनिक ही क्यों जाकर लड़ें।आतंकियों के खिलाफ हमारी रणनीति की प्राथमिकता उन्हें पहले पहचानने और फिर बेअसर करने की है।आतंकियों को मारने के लिए खुफिया जानकारियां जुटाई जा रही हैं।रक्षा मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद सीमा पर घुसपैठ कम हुई है और खुफिया प्रणाली मजबूत हुई है।सेना को साफ निर्देश दिए गए हैं कि जो भी घुसपैठ की कोशिश करे उसका सफाया कर दिया जाए। हालांकि सेना को यह एहतियात बरतने को भी कहा गया है कि इस तरह के अभियान में जानमाल का नुकसान न हो और कोई भारतीय जवान शहीद न हों।उन्होंने कहा कि बंदूक लेकर आने वाले आतंकवादी के साथ मानवीयता का व्यवहार नहीं किया जा सकता।वह हर हाल में सेना के साथ खड़े रहेंगे।सेना के पास गोला बारूद की कमी के बारे में उन्होंने कहा कि अब स्थिति में सुधार हुआ है और इसे बढ़ाने के लिए आयुध फैक्ट्रियों में संसाधन जुटाए जा रहे हैं।संसद में हाल ही में रखी गई कैग की रिपोर्ट में कहा गया था कि सेना के पास गोला बारूद की भारी कमी है।उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट 2008 से 13 की अवधि के बारे में है और उसके बाद से स्थिति में सुधार हुआ है।पिछले वर्ष ही गोला बारूद के निर्माण में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।