याकूब मेनन को हुई फांसी पर राजनीति तेज हो गई है।एमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जहां इस सजा पर नाखुशी जताई है।ओवैसी ने कहा कि इंसाफ नहीं हुआ।ये ठीक है कि मुंबई दंगों में जो लोग मारे गए थे, उनके दोषियों को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन बाबू बजरंगी और माया कोडनानी, कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा को भी फांसी मिलनी चाहिए।फांसी पर लटकाना अगर इंसाफ है तो इन लोगों को भी फांसी मिलनी चाहिए।मैं याकूब का पक्ष नहीं लेता, लेकिन हमेशा हमारा ही नुकसान होता है। बेअंत सिंह के कातिल को मजहब के नाम पर बचाया जा रहा है।यही हाल राजीव के हत्यारों का है। बाबरी मस्जिद गिराने वालों को भी फांसी हो।अगर मैं सम्मान के साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाखुश होता हूं तो क्या गलत है?ओवैसी ने यह भी कहा कि याकूब ने तो इंडियन एजेंसीज की मदद की। उसने अपने भाई के खिलाफ भी सबूत दिए। गुजरात दंगों के दोषियों को सरकार फांसी क्यों नहीं देती?वहीं सपा नेता और यूपी के मिनिस्टर आजम खान ने इशारों में ओवैसी पर निशाना साधा।आजम खान ने कहा कि जो लोग इस सजा का विरोध कर रहे हैं वो देश को बांटना चाहते हैं।जानकार इस मामले को यूपी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। 2017 में होने वाले इस चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम भी यूपी में उतरेगी।सपा के मुस्लिम वोट बैंक में ओवैसी की पार्टी सेंध लगा सकती है।याकूब को फांसी मामले में आजम ने कहा कि जो लोग याकूब मेमन को सपोर्ट कर रहे हैं, वे गलत हैं और समाज को बांटना चाहते हैं।कुछ लोग ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे याकूब के मजहब को उछाला जा रहा है।यह दुर्भाग्यपूर्ण है।कानून सबसे ऊपर है।