राजनीति में कुछ नेता आज अच्छे ओहदे पर हैं लेकिन इनमें कुछ ऐसे नेता हैं जिन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा है। पारिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से इन्हे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कुछ ऐसे हीं नेताओं के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
नरेन्द्र मोदीः नरेन्द्र दामोदर दास मोदी देश के 15वें प्रधानमंत्री हैं। 17 सितम्बर 1950 को पंसारी परिवार में जन्म लेने वाले मोदी को भी कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। मोदी अपने 6 भाई-बहनों में से तीसरे नम्बर थे। मोदी ने अपने पिता की चाय की दुकान पर उनका हाथ बंटाया। इसके बाद किशोरावस्था में अपने भाई के साथ एक चाय की दुकान भी चलाई। 64 साल के मोदी आज देश को चला रहे हैं लेकिन इनके जीवन में भी कई उतार-चढ़ाव आए।
ममता बनर्जीः 5 जनवरी 1955 को ममजा बनर्जी का जन्म बंगाल में हुआ। ममता बनर्जी ने एक निम्न मध्यम वर्ग बंगाली ब्राहमण परिवार में जन्म लिया। ममता बनर्जी के पिता की मौत इलाज के अभाव में हो गई। बाद में उन्होंने अपने परिवार को चलाने के लिए दूध विक्रेता का कार्य करने का निर्णय लिया।मुसीबत के उन दिनों ने ममता को सख्त बना दिया। वह 1997 से अपनी पार्टी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष हैं।
माणिक सरकारः वर्तमान में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का जन्म 22 जनवरी 1949 को हुआ।माणिक का जन्म त्रिपुरा के हीं राधाकिशोरपुर में हुआ। इनका परिवार भी निम्न मध्यम वर्गीय था। देश के सबसे ईमानदार मुख्यमंत्री माने जाने वाले सरकार अपना मुख्यमंत्री पद का वेतन व भत्ते पार्टी को दान देते हैं।बताया जाता है कि माणिक सरकार के पिता एक टेलर यानि दर्जी थे और माता प्रांतीय कर्मचारी थीं।
सूत्रों के मुताबिक देश के सभी मुख्यमंत्रियों में सबसे कम माणिक सरकार की सैलरी है।आश्चर्य की बात ये है कि सरकार के नाम अपने नाम एक भी कार या घर नहीं है। इन्हें देश का सबसे ईमानदार मुख्यमंत्री कहा जाता है।
जीतन राम मांझीःबिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का जन्म बिहार राज्य के गया जिले की खिजरसराय के महकार गाँव में हुआ। मांझी एक किसान परिवार से तालुक्क रखते हैं। उनके पिता का नाम रामजीत राम मांझी है जो खेतिहर मजदूर थे। मांझी महा दलित मुसहर समुदाय से हैं।जीतन राम मांझी बिहार में दलित समुदाय के पहले मुख्यमंत्री रहे।