आम आदमी पार्टी के अंदर मचे घमासान के बीच अरविंद केजरीवाल की वापसी ने 'हम साथ साथ हैं' जैसे संकेत दिए थे. लेकिन इस बीच खबर है कि प्रशांत भूषण ने मंगलवार को एक चिट्ठी लिखकर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे की पेशकश कर दी है. प्रशांत ने यह चिट्ठी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को लिखी है।भूषण ने अपनी चिट्ठी में चार प्रमुख मुद्दों का भी उल्लेख किया है, जिसमें पार्टी के अंदर पारदर्शिता और कार्यकर्ताओं को और अधिक अधिकार दिए जाने की मांग शामिल है. भूषण ने इस्तीफे की पेशकश ऐसे समय की है, जब मंगलवार को ही केजरीवाल और योगेंद्र यादव की कड़कड़डूमा कोर्टरूम में मुलाकात हुई है. इस दौरान दोनों नेताओं को आपस में बातचीत और हंसी साझा करते हुए देखा गया था।केजरीवाल को लिखी अपनी चिट्ठ में प्रशांत भूषण ने मांग की है कि पार्टी के अंदर उम्मीदवारों के चयन को लेकर नई तकनीक विकसीत की जाए और इसमें पारदर्शिता लाए जाने की जरूरत है. प्रशांत ने लिखा है, ‘राज्यों के यूनिट को उनके राज्य में चुनाव लड़ने को लेकर फैसला लेने का अधिकार मिलना चाहिए. पार्टी के निर्णयों में कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़ाए जाने की जरूरत है. साथ ही पार्टी को मिलने वाले चंदे और उसके खर्च में भी और अधिक पारदर्शिता लाए जाने की जरूरत है.’ पार्टी सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत ने अपनी चिट्ठी में जिन मुद्दों का जिक्र किया है उसमें से कई मुद्दे मंगलवार को ही पीएएसी के पास समीक्षा के लिए भेज दिए गए हैं. सोमवार को बंगलुरु से केजरीवाल के लौटने के बाद प्रशांत भूषण ने एसएसएस के जरिए उनसे मिलने का समय मांगा था. प्रशांत के साथ योगेंद्र यादव भी केजरीवाल से मिलने वाले थे, लेकिन केजरीवाल ने पार्टी के इन बागी नेताओं से खुद मिलने की बाजय, आशुतोष और संजय सिंह को मिलने और गिले-शिकवे दूर करने के लिए कहा. समझा जा रहा है कि भूषण इस बात से भी खासे नाराज हैं।