बीजेपी के 35वां स्थापना दिवस सोमवार को दिल्ली स्थित मुख्यालय में धूमधाम से पार्टी मनाया, लेकिन पार्टी के संस्थापक सदस्य लाल कृष्ण आडवाणी का नहीं पहुंचना हर किसी के लिए चौंकाने वाला वाकया रहा। बीजेपी के फाउंडर मेंबर आडवाणी को पार्टी ने इस कार्यक्रम का न्योता ही नहीं दिया गया था। सीनियर नेता एल.के. आडवाणी के करीबी सूत्रों ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए उन्हें निमंत्रण नहीं मिला था।उन्हें इस कार्यक्रम के बारे में किसी भी तरह की सूचना नहीं दी गई थी। स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता पार्टी प्रेसिडेंट अमित शाह ने की। हाल ही में बेंगलुरु में हुई बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की गुजारिश को अनसुना करते हुए भाषण देने से इंकार कर दिया था। पिछले 35 वर्षों में ऐसा दो बार ही हुआ है, जब इस बैठक में आडवाणी ने भाषण नहीं दिया। इससे पहले 2013 में वह स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने का हवाला देकर गोवा में हुई बैठक में शामिल नहीं हुए थे। लोकसभा चुनाव से पहले आडवाणी ने नरेंद्र मोदी को पार्टी का पीएम कैंडिडेट बनाने का विरोध किया था। चुनाव के 2 महीने बाद ही उन्हें, अटल बिहारी वाजपेयी और मुरली मनोहर जोशी को बीजेपी के अहम फैसले लेने वाले संसदीय बोर्ड से हटा दिया गया था। इसके बाद उन्हें मार्गदर्शक मंडल में जगह दी गई थी।