केरल विधानसभा में वित्त मंत्री के.एम. मणी के इस्तीफे की मांग को लेकर शुक्रवार को विपक्षी वामपंथी सदस्यों ने जमकर हंगामा मचाया और अध्यक्ष की कुर्सी तथा इलेक्ट्रानिक सामान तोड दिये। इस हंगामे के बीच वित्त मंत्री ने राज्य का 13वां बजट पेश किया। वित्त मंत्री को सत्तारुढ़ युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के सदस्यों और वार्ड स्टाफ ऩे उन्हें अपने सुरक्षा घेरे में लिया, तब जाकर वह बजट भाषण पढ़ पाए। पुलिस ने लोगों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।एलडीएफ ने कह दिया था कि विधानसभा की तरफ जाने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया जाएगा। इस कारण मणि और उनके कुछ सहयोगी गुरुवार के रात विधानसभा परिसर में ही रूक गए थे। हंगामे के बीच विधानसभा में घुसने वाले मणि ने वाच एंड वार्ड गार्ड की निगरानी में बजट के कुछ अंशों को पढ़ा और सदन के समक्ष इसे रखा।बार रिश्वत मामले में इस्तीफे की मांग पर जोर दे रहे एलडीएफ अगुवाई वाले विपक्षी सदस्य भी गुरुवार रात के बाद सदन में रूक गए थे और सुबह से ही सदन में बैठे हुए थे। मणि को विधानसभा भवन में घुसने से रोकने के लिए विपक्षी सदस्य द्वार पर ही जमे हुए थे। हालांकि, सत्तारूढ़ विधायक 82 वर्षीय वित्तमंत्री को सदन के भीतर ले जाने में सफल रहे। विपक्षी सदस्यों और वाच एंड वार्ड्स के बीच भिड़ंत भी हो गयी। एलडीएफ विधायकों का एक समूह अध्यक्ष के आसन तक पहुंच गया और अध्यक्ष के आसन को फेंक दिया। भारी हंगामे के बीच बेहोश हो गए माकपा विधायक वी. शिवनकुट्टी को प्राथमिक चिकित्सा दी गयी। सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पिछले वर्ष दिसंबर में मणि के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। उनपर आरोप है कि लाइसेंस नवीकरण के लिए उन्होंने बार मालिकों से कथित तौर पर रिश्वत लिये थे। केरल बार होटल आॅनर्स एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष बिजू रमेश ने ये आरोप लगाए थे।