केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मंत्रालयों के दफ्तरों को साफ करने के लिए फिनायल की जगह गौनायल (गौमूत्र) का इस्तेमाल करने की सलाह दे डाली है, उन्होंने अपने मंत्रालय के कर्मचारियों को कहा है कि हानिकारक केमिकल से बनी फिनायल की जगह गौमूत्र से बने प्राकृतिक किटाणुनाशक गौनायल का इस्तेमाल किया जाए।महिला व बाल विकास मंत्री मेनका ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को पत्र लिखकर गौमूत्र निर्मित गौनाइल के इस्तेमाल का आग्रह किया है और यह पर्यावरण के लिये अनुकूल है और केंद्रीय भंडार में गौनाइल का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।मेनका गांधी से पहले आयुष मंत्री श्रीपद नाइक भी कुछ इसी तरह की अपील कर चुके हैं।कई आयुर्वेदिक ड्रग्स कंपनियों को यह साबित करने को कहा था कि उनके वहां बनी दवा का निर्माण पंचगव्य से हुआ है।इसके तहत जो उत्पाद गाय के दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर से बनाए जाते हैं उन्हें पंचगव्य कहा जाता है। 7835 लाइसेंस आयुर्वेदिक ड्रग कंपनियां पंचगव्य से मेडिकल फॉर्मुलेशन्स के जरिए दवा बनाती हैं।