वर्ष 1999 के विमान अपहरण मामले में नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला ने कहा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी आतंकियों को छोड़ने के पक्ष में नहीं थे।उन्हें जबरदस्ती ऐसा करने के लिए विवश होना पड़ा।उन्होंने एक अंग्रेजी न्यूज चैनल के साथ बातचीत में यह खुलासा किया है।फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आडवाणी वर्ष 1999 में अपहृत आईसी-814 विमान के यात्रियों के बदले आतंकवादियों को छोड़ने के विरोधी थे और इस रिहाई ने भारत को कमजोर राष्ट्र के रूप में पेश किया। मैंने महसूस किया कि लालकृष्ण आडवाणी जी यात्रियों के बदले आतंकवादियों को छोड़ने के पक्ष में नहीं थे।मैंने ऐसा करने से मना किया था लेकिन जसवंत सिंह ने कहा था कि भारत अभी कमजोर स्थिति में है।पूर्व रॉ प्रमुख एएस दौलत द्वारा लिखित पुस्तक कश्मीर द वाजपेयी ईयर्स’ के विमोचन के मौके पर अब्दुल्ला ने कहा, कोई भी राष्ट्र बलिदान के बगैर नहीं बनता।यहां तक कि अगर आतंकवादियों ने मेरी बेटी को बंधक बनाया होता तो मैं एक भी आतंकवादी को रिहा नहीं करता।