भारत को मिली लंका का न्योता

February 16, 2015 | 04:43 PM | 43 Views
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ये बंधन तो प्यार का बंधन है.. जन्मों का संगम है.. श्रीलंका के राष्ट्रपति बनने के बाद मैत्रीपाल सिरिसेना का अपने पहले विदेश दौरे के रुप में भारत आना यह बताता है कि श्रीलंका के लिए भारत कितना अहम है। श्रीलंकाई राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस दौरान दोनों देशों ने कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए, इसके अलावा द्विपक्षीय वार्ता में भारत ने तमिलों के अधिकारों की रक्षा और चीन के बढ़ते प्रभाव पर लगाम लगाए जाने का भी मुद्दा उठाया, इसके दौरान सिरिसेना ने पीएम नरेंद्र मोदी को श्रीलंका आने का न्यौता दिया, जिसे मोदी स्वीकार कर लिया। मोदी ने कहा कि असैनिक परमाणु सहयोग पर द्विपक्षीय समझौते से दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ा है। हैदराबाद हाऊस में द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति का स्वागत करना बहुत सौभाग्य और खुशी की बात है। प्रधानमंत्री ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना को उनकी जीत पर बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे और श्रीलंकाई राष्ट्रपति के बीच द्वीपक्षीय संबंधों के अलावे कई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई।हमें पड़ोसी देश श्रीलंका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनने पर खुशी है। हम उम्मीद करते हैं कि वायु और समुद्र मार्ग में भी बहुत जल्द और सुधार कर लिए जाएंगे। सिरिसेना ने कहा कि मोदी का दौरा श्रीलका के लिए सम्मान की बात होगी और ये हमारे लिए वरदान साबित होगा। द्विपक्षीय वार्ता से हम दोनों देशों की दोस्ती व संबंधों को और मजबूती देने के निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। हम प्रगति के मार्ग पर हैं और ये संबंध दोनों देशों को औगे भी और मजबूत बनाएंगे।

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