संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को अरुण जेटली ने राज्यसभा में संविधान पर चर्चा की शुरुआत की। संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर के जन्म के 125वें साल के मौके पर संविधान पर चर्चा हो रही है। इसमें जेटली ने कहा कि डॉ अंबेडकर का संविधान धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता था।
जेटली ने इस चर्चा के दौरान कांग्रेस पर भी निशाना साधा। जर्मन तानाशाही और इंदिरा सरकार के दौरान लगी इमरजेंसी की इशारों ही इशारों में तुलना कर डाली। जेटली ने कहा, ”संविधान और उसके प्रावधानों का इस्तेमाल कभी जर्मनी में डेमोक्रेसी को खत्म करने के लिए किया गया था।आपने इमरजेंसी लगाई, विपक्ष को हिरासत में रखा। संविधान में बदलाव किए। रुडोल्फ हेस ने कहा था कि एडॉल्फ हिटलर जर्मनी है और जर्मनी ही एडॉल्फ हिटलर है। मैं बस उसका जिक्र कर रहा हूं, जैसा 1933 में हुआ।
दुनिया के दूसरे हिस्सों में जो कुछ हुआ, जर्मनी ने उस पर कॉपीराइट को लेकर कोई दावा नहीं किया।” जेटली के ऐसा कहते ही सदन में ठहाके गूंजे। जाहिर है कि जेटली की टिप्पणी दिवंगत कांग्रेसी नेता देवकांत बरुआ से जुड़ा हुआ था, जिन्होंने इंदिरा गांधी की तारीफ में यहां तक कह दिया था कि इंडिया इज इंदिरा। इंदिरा इज इंडिया।