बिहार में तोहफे को लेकर विवाद थम नहीं रहा है।शिक्षकों के वेतन नहीं मिलने से दुखी होकर बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राज्य सरकार को तोहफा वापस कर दिया था।तोहफे पर विवाद के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया है कि अगले साल से किसी विधायक को कोई तोहफा नहीं दिया जाएगा।
नीतीश कुमार ने ये फैसला करते हुए कहा है कि वो कभी भी तोहफा लेने देने के पक्षधर नहीं थे।हम आपको बता दें कि बजट सत्र के दौरान जिस भी मंत्रालय के मुद्दे पर सदन में चर्चा होती है उस मंत्रालय की ओर से विधायकों को तोहफे मिलते हैं।इस बार विधायकों को माइक्रोवेव, मोबाइल, सूटकेस सहित सात तरह के तोहफे दिये गये थे।
सुशील मोदी और मंगल पांडे ने कल सभी सातों तोहफे वापस कर दिये।होली के मौके पर भी बिहार के शिक्षकों को सरकार ने वेतन नहीं दिया है लेकिन, दोनों सदनों के विधायकों को तरह तरह के तोहफे बांटे गये हैं।माना जा रहा है कि बीजेपी के कुछ और विधायक तोहफा वापस कर सकते हैं।
अब ऐसी स्थिति में यह सवाल भी उठता है कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तोहफे पसंद नहीं तो विधानसभा में इसका वितरण क्यों हुआ ? क्या उनके मंत्रालय ने बिना उन्हें सूचना दिए ही तोहफे बांट दिए ? अब इसे लेकर काफी विवाद हो रहा है। वहीं विपक्ष इसे लेकर मुद्दा बना रहा है।