सीबीआई ने मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल-व्यापम घोटाले में 3 और नए एफआईआर दर्ज किए हैं।सीबीआई निदेशक ने नई दिल्ली में इसकी जानकारी दी।सीबीआई निदेशक ने कहा कि जांच एजेंसी ने अपना काम शुरू कर दिया है।शीर्ष अदालत ने एजेंसी को ये जांच सौंपी है और हम पूरी क्षमता से अपना काम करेंगे।पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट द्वारा व्यापम मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद एजेंसी ने 5 मामले दर्ज किए थे।साथ ही जांच एजेंसी ने पांच संदिग्ध मौतों का ब्यौरा भी मांगा था।इन प्रकरणों में 160 लोगों को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई ने पत्रकार अक्षय सिंह, नम्रता डामोर, विजय पटेल, राजेंद्र आर्य और दीपक वर्मा की मौतों का संबंधित जिलों उज्जैन, कांकेर, ग्वालियर, झाबुआ और इंदौर के पुलिस अधीक्षकों से ब्यौरा मांगा है।सीबीआई की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि पीएमटी 2010 मामले में 21 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 419 (प्रतिरूपन कर धोखाधड़ी), धोखाधड़ी (420), जालसाजी (467), धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी (468, 471) फर्जी दस्तावेज को असली की तरह इस्तेमाल करना (474) और आपराधिक षड्यंत्र (120 बी) के तहत मामला दर्ज किया गए है।वहीं प्री पीजी टेस्ट 2011 के मामले में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है।इन आरोपियों के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।इसी तरह सीबीआई ने तीसरी प्राथमिकी पीएमटी प्रवेश परीक्षा (2009 और 2010) मामले में दर्ज की।इस मामले में कुल 28 लोगों को आरोपी बनाया गया है।इसके अलावा वन रक्षक परीक्षा-2013 में 100 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।व्यापमं से जुड़े मामलों में अभी तक 21,000 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।इस जांच के दौरान 48 लोगों की मौत हो चुकी है।एसटीएफ इस मामले के 12,000 आरोपियों के चालान भी पेश कर चुकी है।