छगन भुजबल मामले में बीजेपी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि नयी महाराष्ट्र सरकार को सत्ता में आने के बाद ,अदालत के आदेशों का इंतजार किये बिना राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता छगन भुजबल के गलत कामों की जांच का आदेश दे देना चाहिए था।वहीं बीजेपी के सहयोगी दल ने आरोप लगाया है कि भुजबल का संदेहात्मक कारोबार उस समय शुरू हुआ था जब वह शिवसेना में थे और जिसके कारण उनकी पार्टी से रवानगी हुई थी।शिवसेना ने कहा कि राज्य के पूर्व लोक निर्माण मंत्री के पास से कथित रूप से बेहिसाब धन का पता चलना कोई चैंकाने वाली बात नहीं है।शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि जब भुजबल की संपत्तियों पर छापेमारी की गयी तो वहां बेहिसाब धन मिला।इसमें चैंकने वाली कौन सी बात है? सामना में कहा गया है कि सचाई यह है कि अदालत के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं थी।नयी सरकार को सत्ता में आने के तुरंत बाद ही भुजबल की वित्तीय अनियमितताओं की जांच का आदेश दे देना चाहिए था जो उसने नहीं दिया।आरोप लगाया गया है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा भुजबल की विभिन्न संपत्तियों की तलाशी के बाद कथित तौर पर करोड़ों रूपये की अनियमितताएं सामने आयी हैं और भारी मात्रा में किया गया यह धन संग्रह सिर्फ महाराष्ट्र सदन घोटाले से ही संभव नहीं था।