VVIP से आम नागरिक हुए वाड्रा

August 24, 2015 | 02:40 PM | 4 Views
robert_vadra_niharonline

केंद्र सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को हवाई अड्डों पर जामातलाशी से मिली छूट का विशेषाधिकार वापस लेने का निर्णय किया है। सरकार के इस फैसले के तुरंत बाद वाड्रा ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि वह तो काफी लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे हैं क्योंकि वह कोई वीआईपी नहीं हैं।सरकारी सूत्रों ने बताया कि नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) की ओर से अधिसूचना जारी की जा रही है और सभी हवाई अड्डों के पास भेजी जा रही है। वाड्रा ने एक बयान में कहा कि आखिरकार मैं खुश हूं और इस तथाकथित सुरक्षा छूट विशेषाधिकार जिसका कभी उपयोग नहीं किया, इसे खत्म किए जाने का इंतजार कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं इस वीवीआईपी सूची से अपना नाम हटाने के लिए लिखित सहमति देने के लिए पूरी तरह से तैयार रहा हूं। मैं वीआईपी नहीं हूं और पहले भी इस पर अपना नजरिया व्यक्त कर चुका है। कृपया कुछ-कुछ दिनों में इस तरह की खबर देकर लोगों के समय की बर्बादी नहीं करें। उनकी प्रतिक्रिया सरकार द्वारा उनका विशेषाधिकार खत्म करने के निर्णय की पृष्ठभूमि में आई है। गृह मंत्रालय ने नागर विमानन मंत्रालय से दलाई लामा और वाड्रा सहित लोगों की 33 श्रेणियों के ऐसे लोगों की सूची की समीक्षा की उसकी योजना पर आगे बढ़ने को कहा है जिन्हें देश के हवाईअड्डों पर जामातलाशी से छूट मिली हुई है।अगर उन्हें इस खास सूची से बाहर कर दिया जाता है तो उन्हें एसपीजी सुरक्षा के बावजूद सभी हवाईअड्डों पर जामातलाशी से गुजरना होगा। मौजूदा नो फ्रिस्क सूची में राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेता, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, राज्यपाल और दूत शामिल हैं। एसपीजी की सुरक्षा जिन्हें मिली हुई है उनकी भी जामातलाशी नहीं होती है जैसे कि वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी और राहुल गांधी।

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