कांग्रेस के सीनियर नेता और कर्नाटक के गवर्नर हंसराज भारद्वाज ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा है।उन्होंने वसंधुरा राजे-ललित मोदी विवाद पर लिए कांग्रेस के निर्णय पर सवाल उठाए हैं।एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस नेता ने पार्टी के मौजूदा हालात को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है।उन्होंने कहा कि मैं पार्टी की इंटरनल पॉलिटिक्स का शिकार हुआ हूं, राज्यपाल बनाकर मुझे राजनीति की मुख्यधारा से अलग कर दिया।भारद्वाज ने कहा कि मैं सोचता हूं कि ललित मोदी विवाद पर संसद नहीं चलने की धमकी देना सही नहीं हैं अगर गैरकानूनी तरीके से ललित मोदी की मदद की गई है तो कानून के मुताबिक कार्रवाई होनी चाहिए।इस मुद्दे को लेकर संसद की कार्यवाही प्रभावित करना सही नहीं होगा। ललित-वसुंधरा-सुषमा विवाद पर कांग्रेस मोदी सरकार पर हमला करने में कमजोर नजर आ रही है।कांग्रेस नेता हंसराज भारद्वाज ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव करने के संकेत दिए हैं।उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यूपी और बिहार जैसे राज्यों में अपनी जड़ मजबूत करने के लिए नए सिरे से काम करना होगा।दोनों राज्यों के आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के पास कोई प्लान नहीं है और ना ही कोई चेहरा है जो कि चुनावी अभियान को लीड कर सके।उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक युवा नेता हैं और सीनियर नेताओं से सलाह लेकर उन्हें युवाओं को अपने साथ जोड़कर पार्टी को आगे ले जाने की रणनीति बनानी चाहिए।मुझे अफसोस है कि राहुल ऐसा करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहे हैं।इंटरव्यू में भारद्वाज ने कहा कि 2009 में यूपीए की सरकार बनने के बाद गवर्नर बनाकर मुझे पार्टी की मुख्यधारा से अलग कर दिया है।कांग्रेस के नेता नरेंद्र मोदी सरकार के सामने कमजोर नजर आ रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जमीनी हकीकत से अनजान हैं।भारद्वाज ने कहा कि मोदी सरकार से सामने कांग्रेस पार्टी कमजोर हो चुकी है। पार्टी के मौजूदा हालात को लेकर कोई मंथन नहीं होता है।