वसुंधरा राजे ने ललित मोदी की मदद करने की बात स्वीकार कर ली है।सूत्र बता रहे हैं कि वरिष्ठ नेताओं के सामने वसुंधरा राजे ने यह बात मान ली है।वहीं, बीजेपी के सूत्रों का यह भी कहना है कि पार्टी फिलहाल वसुंधरा से राजस्थान का मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए नहीं कहेगी।सूत्र यह भी बता रहे हैं कि पार्टी इस मुद्दे पर कहेगी कि वसुंधरा ने यह दस्तखत निजी हैसियत से किए थे न कि राजस्थान में विपक्ष के नेता पद की हैसियत से।सूत्रों के मुताबिक बीजेपी वसुंधरा राजे के मामले में अपने स्तर पर जांच करेगी। बीजेपी को दस्तावेजों से छेड़छाड़ की आशंका है इसलिए जांच के बाद ही पार्टी वसुंधरा पर कोई कार्रवाई करेगी।आपको बता दें कि ब्रिटेन में इमीग्रेशन के मामले में जब ललित मोदी को गवाहों की जरूरत थी तब वसुंधरा राजे से बतौर गवाह एक हलफनामा दिया था।इसी हलफनामे के चलते वह इस मुसीबत में फंसी हैं।ललित मोदी ने खुद कहा है कि साल 2011 में जब वह ब्रिटेन में प्रवास बढ़ाना चाहते थे तब राजे ने मामले को गोपनीय बनाए रखने की शर्त पर उनकी इमीग्रेशन अर्जी का समर्थन किया था।2010 में ललित मोदी, भारत से लंदन चले गए थे जब उन पर टैक्स चोरी और मनी लॉन्डरिंग का आरोप लगा था।यह सारे आरोप उनपर आईपीएल के चेयरमैन होने के दौरान लगे थे।अपने ऊपर लगे आरोपों पर जवाब देने के लिए भारत आने से उन्होंने इस आधार पर मना किया है कि उनकी जान को अंडरवर्ल्ड से खतरा है।इस मामले में मोदी की मदद को लेकर जहां वसुंधरा घिरती नजर आ रही हैं वहीं हर बात पर ट्वीट करने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप्पी साधे हुए हैं।