भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के प्रमुख एमके मीणा और अतिरिक्त आयुक्त एसएस यादव के बीच दफ्तर में हुई कहासुनी के बाद दिल्ली सरकार ने मीणा की नियुक्ति को हाई कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है।मीणा व यादव के बीच विवाद तब शुरू हुआ था जब 8 जून को उपराज्यपाल नजीब जंग ने मीणा को एसीबी प्रमुख नियुक्त किया था जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रमुख के रूप में अतिरिक्त आयुक्त एसएस यादव को चुना था।हाई कोर्ट में पूर्व में केंद्र सरकार की अधिसूचना को लेकर दायर याचिका से भिन्न सरकार ने उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा राजधानी में नौकरशाहों की नियुक्तियों के उनके अधिकार को लेकर याचिका डालने का फैसला किया है।केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच तनातनी का ही नतीजा है कि एसीबी में अब दो प्रमुख हैं।सूत्रों की मानें तो याचिका में वह मीणा को पक्षकार बनाने की मांग करेगी।यह भी मांग की जाएगी कि अदालत में याचिका पर फैसला आने तक मीणा के काम करने पर रोक लगाई जाए।याचिका में मीणा द्वारा यादव के दफ्तर में जाकर एसीबी में दिल्ली पुलिसकर्मियों से संबंधित एफआइआर देने की मांग करने की शिकायत की जाएगी।आरोप है कि मीणा एफआइआर मांगने के लिए अधिकृत नहीं हैं।याचिका में यह भी बताया जाएगा कि मीणा एफआइआर बुक को एसीबी मुख्यालय से बाहर ले जाना चाहते थे जिसकी अनुमति नहीं है।एसीबी केवल सतर्कता निदेशालय को रिर्पोट करती है।केंद्र सरकार ने 21 मई और 23 जुलाई, 2014 को जारी अधिसूचना में दिल्ली पुलिस समेत सरकारी कर्मचारियों पर एसीबी द्वारा कार्रवाई करने के अधिकार सीमित कर दिए थे। सूत्रों की मानें तो यादव ने दिल्ली सरकार के विजिलेंस विभाग में र्दुव्यवहार के बारे में शिकायत की है जो सीधे तौर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अधीन आता है।