महाराष्ट्र की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे एक बार फिर से विवादों में आ गई हैं।चक्की घोटाला के बाद अब पंकजा चप्पल को लेकर विवादों में हैं।पंकजा अपने प्रदेश के सूखाग्रस्त इलाकों के दौरे पर गईं थीं, उसी दौरान उनके कर्मचारी ने उनकी चप्पलें उठाईं।विवादों में घिरने के बाद पंकजा ने अपना बचाव करते हुए कहा कि चप्पल उठाने वाला व्यक्ति कोई सरकारी कर्मचारी नहीं, बल्कि उनका निजी कर्मचारी था।दरअसल पंकजा ने प्रदेश के परभानी जिले के सोनपेठ के दौरे के दौरान किचड़ और फिसलने वाली जगह देखकर अपनी चप्पलें उतार दी। वह नंगे पांव आगे बढ़ गईं और पीछे एक व्यक्ति उनकी चप्पलें लेकर चल रहा था।इस खबर के उजागर होने के बाद आगबबूला होते हुए पंकजा ने कहा कि मीडिया ने देखा कि मैंने चप्पल उतारी, और मेरे कर्मचारी ने उठाया। लेकिन मीडिया को यह नहीं दिखा कि नंगे पांव चलने में मुझे कितनी तकलीफ हुई? फिसलन भरी सड़क देखकर मैंने सामान्य रूप से अपनी चप्पल उतार दी और आगे बढ़ गईं। मुझे तो पता भी नहीं था कि किसी ने मेरे चप्पल उठाए।इस बात का मुझे बाद में पता चला।असली खबर सूखा और किसानों की हालत है।वहीं कांग्रेस ने मखौल उड़ाते हुए कहा है कि ये घटना बताती है कि पंकजा गरीबों का दुख कितना समझती हैं। आपको बता दें कि पंकजा मुंडे पर 206 करोड़ के घोटाले का आरोप है। उन पर आरोप है कि उन्होंने कायदे कानून को ताक पर रखकर अपनी पसंद की कंपनियों को स्कूल में खाना सप्लाई करने का ठेका दिया।कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पंकजा मुंडे से इस्तीफा मांग करती रही है, वहीं पकंजा का कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।