आखिरकार गुरुवार को लोकसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ललित मोदी मामले पर सफाई देने का मौका मिल गया।सुषमा ने अपने विरोधियों पर कटाक्ष किया और एक भावनात्मक भाषण में बताया कि किन हालात में उन्होंने ललित मोदी की पत्नी की मदद की।सुषमा ने कहा कि मुझ पर आरोप लगाया जा रहा है कि मैंने ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज देने के लिए ब्रिटिश सरकार से अनुरोध या सिफारिश की। यह सरासर गलत है। मुझ पर सवाल उठाने वालों को मैं चुनौती देती हूं कि वे एक भी दस्तावेज, एक भी पत्र या एक भी ईमेल मुझे दिखा दें, जिसमें मैंने ब्रिटिश सरकार से ललित मोदी के मामले में सिफारिश की हो।सुषमा ने बताया कि उन्होंने ललित मोदी की कतई मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि मदद ललित की पत्नी की जरूरी थी, जो 17 साल से कैंसर से जूझ रही थी। 10वीं बार उसका कैंसर उभरा था। उन्होंने सदन को बताया कि ब्रिटिश सरकार ने खुद फैसला किया। मैंने ब्रिटिश सरकार से साफ तौर पर कहा था कि अगर आप सारे नियमों को देखने-परखने के बाद मोदी को इजाजत देने या न देने का फैसला करें।सुषमा ने कहा कि मानवीय आधार पर ही ब्रिटिश सरकार ने ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज देने का फैसला किया। उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिटिश सरकार से यह कहा था कि अगर उनकी सरकार ऐसा करती है तो इससे भारत के साथ उनके रिश्ते खराब नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि मदद ललित मोदी की नहीं उसकी पत्नी की हुई जो भारतीय नागरिक है,जो एक जीवन घातक बीमारी झेल रही है।वह ऐसी महिला है,जिस पर कोई केस नहीं, जिसका कोई अपराध नहीं।क्या मैं उस औरत को मरने के लिए छोड़ देती?सुषमा ने आगे कहा कि इस तरह की महिला की मदद करना अगर गुनाह है, तो मैंने यह गुनाह किया है।मैं पूरे राष्ट्र के सामने के सामने यह कुबूल करती हूं कि मैंने यह गुनाह किया है। इसके बाद सदन मुझे जो भी सजा देता है, मैं उसे स्वीकार करने को तैयार हूं।