व्यापमं घोटाले में मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव की मुश्किल बढ़ सकती है।घोटाले की जांच कर रही एसआईटी का कहना है कि पद से हटते ही राज्यपाल के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।व्यापमं भर्ती घोटाले की निगरानी कर रही स्पेशल टास्क फोर्स के प्रमुख जस्टिस चंद्रेश भूषण ने कहा है कि इस घोटाले में एसटीएफ के पास राज्यपाल रामनरेश यादव के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं।इसी आधार पर उन्हें आरोपी बनाया गया था।उन्होंने कहा कि जब राज्यपाल अपना कार्यकाल पूरा कर लेंगे तब एसटीएफ उनके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई कर सकती है।व्यापमं भर्ती घोटाले में एसटीएफ ने राज्यपाल रामनरेश यादव और उनके बेटे शैलेष यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया था।मगर हाईकोर्ट ने राज्यपाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी थी क्योंकि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर नहीं की जा सकती है।जांच एजेंसी राज्यपाल से पूछताछ तो कर सकती है लेकिन उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई या गिरफ्तारी नहीं कर सकती। रामनरेश यादव केंद्र में यूपीए सरकार के दौरान 2011 में एमपी के राज्यपाल बने थे।जून 2016 में उनका कार्यकाल खत्म होगा।