उस्मानिया सदर अस्पताल के पुन:निर्माण के कदम का विरोध करते हुए विपक्ष ने कहा कि वे इस विरासत भवन को गिराने नहीं देंगे। विपक्ष की सूत्रों के अनुसार अस्पताल की इमारत एक विरासत है। उस्मानिया के पास दस एकड़ जमीन है, यदि सरकार चाहे तो वहां पर नई बिल्डिंग बना सकती है।
हैदराबाद के 90 वर्ष पुराने उस्मानिया सदर अस्पताल के पुन:निर्माण में सरकार के फैसले का बचाव करते हुए तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री महमूद अली ने ऐतिहासिक चारमीनार को भी गिराने की बयान देकर विवादों में घिर गए हैं।
अली ने कहा कि सरकार अस्पताल की क्षमता में वृद्धि करना चाहती है और 10-15 फ्लोर की अस्पताल बनाएंगे। जिससे 10 गुना से ज्यादा मरीजों को सेवा मुहैया करा सकेगा। इसका नाम वही रहेगा और कहा कि जब भवन कमजोर हो जाता है तो गिराना पड़ेगा।यदि चारमीनार कमजोर हो जाए, 200, 400 या 500 साल में, तो उसे भी गिराना पड़ेगा। यदि एक भवन कमजोर हो जाए, तो वह कभी भी गिर सकता है और लोगों की जान ले सकता है।
ऐसी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देते हुए अली ने आज (23 सितंबर) कहा कि उन्होंने चारमीनार का सिर्फ सामान्य हवाला दिया ताकि वह उस्मानिया सदर अस्पताल के पुन:निर्माण की अपनी दलील पेश कर सकें। अस्पताल का भवन काफी कमजोर हो चुका है।