कई महीने पहले भारत सरकार ने यह दावा किया था कि इराक के मोसुल में आइएस की ओर बंधक बनाए गए 39 बंधक पूरी तरह सुरक्षित हैं।लेकिन अब जिंदा बच गए चालीसवें बंधक हरजीत मसीह ने सरकार के दावे पर सवाल उठा दिया है।गुरुवार को उसने दावा किया कि सभी अगवा लोगों को गोली मार दी गई थी।उनके बचने की उम्मीद न के बराबर है।पिछले साल जून को आएसआइएस ने इन लोगों को अगवा किया था।मसीह का दावा है कि अपहरण के कुछ दिन बाद ही इन लोगों की हत्या कर दी गई। हालांकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने फिर कहा कि सभी 39 भारतीय सुरक्षित हैं।मसीह ने कहा कि पिछले साल जुलाई से वह भारतीय सुरक्षा एजंसियों की हिरासत में है।उसे गुड़गांव और नोएडा में कई ठिकानों पर रखा गया।उसे एक पखवाड़ा पहले ही घर जाने दिया गया।मसीह का घरगुरुदासपुर जिले के कालासंघा गांव में है।हरजीत मसीह ने कहा कि अपहरण के चार-पांच दिन बाद उन सबको आतंकवादी एक पहाड़ी पर ले गए।सभी को कतार में खड़ा किया गया और पीछे से गोली मारी गई।मसीह का कहना है कि उसके दाहिने पैर में गोली लगी थी।घायल हालत में वह देर तक पड़ा रहा।हत्यारों के जाने के बाद वह छिपने के लिए किसी तरह निकला और जान बची।मसीह का कहना है कि मेरी दुआ और आशा है कि कोई मेरी तरह सलामत हो।पर ऐसी उम्मीद न के बराबर है।मेरा बचना चमत्कार ही है क्योंकि सभी लाशें खून में डूबी पड़ी थीं।मारे गए लोगों में छह बिहार के और दो पश्चिम बंगाल के थे। बाकी सब पंजाबी थे।मौत के उस मंजर को याद करते हुए मसीह ने पत्रकारों को बताया कि जान बचाकर भागने के बाद वह कुछ दिन बांग्लादेशी युवकों के साथ रहा।इसके बाद इरबिल में उस निर्माण कंपनी से संपर्क किया, जहां वह काम करता था।उन लोगों ने उसे भारतीय दूतावास के हवाले कर दिया।अधिकारी उसे भारत लेकर आए और छिपाकर रखा।मसीह का कहना है कि खुफिया अधिकारियों ने उससे यही कहा कि बाकी 39 बंधक लोगों के परिजनों की ओर से मेरी जान को खतरा है।इन लोगों की बात मेरी समझ में नहीं आई कि किस तरह मेरी जान को खतरा हो सकता है।इस बीच मसीह के दावे पर प्रतिक्रिया जारी करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि उन्हें हरजीत के इस दावे में कोई सच्चाई नजर नहीं आती कि 39 भारतीयों को मार दिया गया है।उन लोगों की खोज जारी रहेगी।उधर आप सांसद भगवंत मान ने कहा कि सुरक्षा एजंसियों ने मसीह को अपनी हिरासत में इसलिए रखा क्योंकि इससे उनके दावे की पोल खुल जाती।मान ने कहा कि सुषमा स्वराज ने कहा था कि मसीह भारतीय अधिकारियों के पास है लेकिन यह कभी नहीं बताया कि वह भारत में है।