सावधान दिल्ली! स्ट्रीट फूड में मिला कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया

May 29, 2015 | 04:41 PM | 2 Views
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दिल्ली में अक्सर सड़कों पर चाट पकोड़े, छोले-भटूरे,मोमोज,समोसे के साथ कई खाने वाली चीजें नजर आती है।खाने वाले इन चटपटी चीजों को खाने से पीछे भी नहीं हटते। लेकिन अब इन स्ट्रीट चीजों को खाने वालों के लिए बुरी खबर है।अंग्रेजी अखबार मेल टुडे के मुताबिक दिल्ली में स्ट्रीट फूड पर किए गए सर्वे में चैंका देने वाले नतीजे सामने आए हैं।फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने वेस्ट और सेंट्रल दिल्ली की 100 चाट की दुकानों से जो सैंपल लिए, उसमें हानिकारक कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया हद से ज्यादा पाया गया है। समोसा, गोलगप्पा, मोमोज, बर्गर में कॉलीफॉम बैक्टीरिया की संख्या 2400 तक पाई गई जबकि सामान्य तौर पर ये संख्या महज 50 या इससे कम होनी चाहिए थी।डॉक्टरों के मुताबिक कॉली बैक्टीरिया शरीर के पाचन तंत्र को खराब करता है और ऐसा खाना खाने वाला शख्स डायरिया का शिकार हो जाता है। यानी अगर आपको बीमार होने बचना है तो अपनी जुबान पर काबू रखें और ऐसे खाने से तौबा करें।इंस्टीच्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंटस, केटरिंग और न्यूट्रिशन की डॉ. अर्पिता शर्मा ने कहा,गोलगप्पा के पानी में कॉलीफॉर्म टेस्ट पॉजिटिव आने का मतलब है कि उसमें भारी मात्रा में मलीय गंदगी मौजूद है।टेस्ट में यह बात साबित हुई है कि सड़क किनारे ठेले पर मिलने वाला खाना, छत के नीचे वेंडरों के स्टॉल पर मिलने वाले खाने से बेहतर है। ऐसा इसलिए क्योंकि ठेलेवाले जंक फूड ऑर्डर देने पर बनाते हैं। लेकिन फ्रेंचाइजी फूड वेंडर तैयार खाने को गर्म कर सर्व करते हैं। इसे खाना और भी हानिकारक हो जाता है।भारत में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया कानून 2006 के मुताबिक गंदा खाना बेचने वाले पर एक लाख जुर्माना लगाने का प्रावधान है। अगर किसी को फूड प्वॉइजनिंग होती तो खाना बेचने वाले को जेल की सजा भी हो सकती है।कनॉट प्लेस, रजौरी गार्डन, राजेंद्र प्लेस और सुभाष नगर से सैंपल लिए गए।टेस्ट के लिए सड़क किनारे मिलने वाले और कुछ फ्रेंचाइजी वेंडर से खाने के सैंपल लिए गए।

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