चंडीगढ़ में एक नाबालिग लड़की ने बेबी बॉय को जन्म दिया है।पीजीआई चंडीगढ़ में बेबी बॉय को जन्म देने वाली लड़की की उम्र 12 साल बताई जा रही है।आपको जानकर ये आश्चर्य होगा कि ये लड़की रेप विक्टिम है।पिछले महीने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने इस बच्ची को स्वास्थ्य कारणों से अबॉर्शन की इजाजत नहीं दी थी।अब यह बच्ची चाहती है कि कोई उसके शिशु को गोद ले ले।चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च की तरफ से हाई कोर्ट में एक ऐप्लिकेशन डाली गई है जिसमें कहा गया है कि विक्टिम अपने बच्चे को गोद देना चाहती है। डिविजन बेंच ने सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी से जिम्मेदार अधिकारी को तलब किया है।जस्टिस सूर्य कांत और पीबी बजंतरी की बेंच ने कहा कि असहमति से बने रिश्ते से पैदा हुए इस बच्चे को गोद देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का काम CARA को करना होगा। बेंच ने कहा कि गवर्निंग द अडॉप्शन ऑफ चिल्ड्रन, 2011 की गाइडलाइन्स के तहत इस तरह की जिम्मेदारी CARA को दी जानी चाहिए।मार्च में रेप विक्टिम लड़की की मां हाई कोर्ट में आई थी और बेटी के अबॉर्शन की इजाजत मांगी थी। 8 अप्रैल को हाई कोर्ट ने कहा था कि प्रेग्नेंसी को 34 हफ्ते हो चुके हैं ऐसे में इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।कोर्ट ने कहा था, अपील करने वाली महिला की बेटी 12 साल की नाबालिग लड़की है और उसका कई बार शारीरिक शोषण हुआ है। अब वह 34 हफ्तों की प्रेगनेंट है। जब मां को इस बारे में पता चला 20 हफ्ते पहले ही हो चुके थे। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 के मुताबिक अब इसके लिए इजाजत नहीं दी जा सकती।मंगलवार को डिविजन बेंच ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और CARA को भी केस में पार्टी बनाया और 29 मई तक जवाब देने को कहा। बेंच ने कहा, पीजीआई को यह इजाजत दी जाती है कि वह विक्टिम लड़की को डिस्चार्ज कर सकता है।मगर ऐसा करने से पहले यह तय करना होगा कि उसे साइकलॉजिकल मदद या काउंसलिंग की जरूरत तो नहीं है।