सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित करते हुए बृहस्पतिवार को विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन की व्यवस्था की है ताकि डॉक्टर भीम राव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी जा सके। सरकार ने संसद के विशेष सत्र का भी आयोजन किया है ताकि संविधान निर्माण के मुख्य लोगों को श्रद्धांजलि दी जा सके।
सोमवार को जारी सरकारी बयान के अनुसार, संसदीय कार्य मंत्रालय ने संविधान दिवस के दिन संसद भवन परिसर को रोशन करने का फैसला लिया है और साथ ही इसके लिए संसद के विशेष सत्र के आयोजन का निर्णय भी लिया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, सरकार ने 26 नवंबर को अधिकारियों से संविधान की प्रस्तावना पढ़ने को कहा है।
संविधान को 26 नवंबर 1949 को स्वीकार किया गया था लेकिन वह 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ। संविधान दिवस अंबेडकर की 125वीं जयंती वर्ष के अवसर पर पूरे साल आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का हिस्सा है।