एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि देश में 3 लाख 72 हजार भिखारी हैं लेकिन आपको हैरानी होगी इसमें से 21 प्रतिशत शिक्षित हैं।इन्होंने उच्च माध्यमिक या उससे ज्यादा तक की पढ़ाई की है।जबकि 3 हजार से ज्यादा के पास पेशेवर डिप्लोमा या ग्रेजुएशन की डिग्री है और पोस्ट-ग्रेजुएशन तक कर चुके हैं।
ये आंकड़े 2011 की जनगणना के अनुसार, ‘पेशागत रूप से कोई काम नहीं करने वाले और उनका शैक्षिक स्तर‘ रिपोर्ट से हैं।आंकड़े बताते है कि भिखारी बनना उनकी पसंद नहीं बल्कि मजबूरी है।पढ़ने-लिखने और डिग्री हासिल करने के बाद संतोषजनक नौकरी नहीं मिलने पर वे भिखारी बने।
12वीं पास 45 साल के दिनेश खोधाभाई फर्राटेदार अंग्रेजी में कहते हैं कि मैं गरीब हो सकता हूं लेकिन मैं ईमानदार हूं।मैं दिन के 200 रुपये से ज्यादा कमाता हूं जो कि मेरी आखिरी नौकरी से ज्यादा है।मेरी आखिरी नौकरी एक अस्पताल में वॉर्ड ब्वॉय की थी जिसे दिन के 100 रुपये मिलते थे।दिनेश अहमदाबाद के भद्रकाली मंदिर में 30 लोगों के समूह के साथ भीख मांगते हैं।