एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक मानव संसाधन मंत्रालय ने ऐसी व्यवस्था करने की योजना बनायी है कि आईआईटी की परीक्षा को छोड़ कर अन्य इंजीनियरिंग परीक्षाओं के प्रवेश के लिए कक्षा 12 के अंकों की बाध्यता को खत्म कर दिया जाए।एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी करने वाले अगले साल यानी 2016 से आईआईटी के अलावा किसी भी दूसरे संस्थान में प्रवेश पाने के लिए 12वीं की परीक्षा के अंक प्रस्तुत करने के लिए बाध्य नहीं होंगे। इनमें जेईई और जेओएसएए जैसी परिक्षायें भी शामिल होंगी। यानि जेईई मेन के आधार पर ही छात्र एडवांस परीक्षा दे सकेंगे।इस बारे में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अपना प्रस्ताव सेंट्रल सीट एलोकेशन बोर्ड CSAB को भेजा है यदि एचआरडी मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो ये नियम लागू हो सकता है।इसके साथ ही ये भी योजना है कि अगले साल से इंजीनियरिंग परीक्षा समय से थोड़ा पहले आयोजित करा ली जायें। इस बार ये परीक्षायें कई बोर्ड्स द्वारा छात्रों के स्कोर्स जमा करने में देरी करने चलते देर से हो पायी थीं।अगर रिपोर्ट को सही मानें तो इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद एनआईटी जैसे संस्थान में कक्षा बारह के अंको का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। इसके साथ ही वे छात्र जो अपने बारहवीं के परीक्षा परिणाम के देर से आने के कारण नुकसान में रहते हैं उन्हें इससे आसानी हो जाएगी और वो बिना परिणाम घोषित हुए ही इंजीनियरिंग की परीक्षा में बैठ सकेंगे।