हरिय़ाणा में गो-हत्या विरोधी आंदोलन लंबे समय से चल रहा है। इस पर सभी दल एक राय भी हैं। यहाँ गो-वध का आरोप साबित होने पर गुनहगार को दस साल तक की कैद होगी। सरकार इस बारे में कानून लेकर आ रही है। हरिय़ाणा में भी गो-वध अपराध माना जाएगा। उत्तर प्रदेश, झारखंड और गुजरात जैसे कई राज्यों में गो वध प्रतिबंधित है। महाराष्ट्र ने हाल ही में इस प्रकार का प्रतिबंध लगाया है। हरिय़ाणा में अभी तक गो-हत्या का जुर्म साबित होने पर 5 वर्षों की कैद है। हरिय़ाणा के मेवात क्षेत्र में गो-वध के मामले सामने आते रहते हैं।मेवात दिल्ली से सटे गुड़गांव जिले का हिस्सा है। इधर मुसलमानों की आबादी खासी है।सरकार विधानसभा के बजट सत्र में गायों की रक्षा और देखभाल के लिए राज्य सरकार विधेयक ला रही है। प्रस्तावित गोवंश संरक्षण और गउ संवर्धन विधेयक में गोवध पर प्रतिबंध लगाने और इसके बेहतर देखभाल का प्रयास किया जाएगा। हरिय़ाणा में गो-वध पर रोक के लिए आर्य समाज और हिन्दू धर्म से जुड़े दूसरे सामाजिक और धार्मिक संगठन लंबे समय से मांग कर रहे हैं।