मालेगांव में हुए धमाकों के मामले में स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर रोहिणी सलियान ने कहा है कि बीते एक साल से नई सरकार के सत्ता में आने के बाद नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) उन पर इस मामले में नरमी बरतने का दबाव बना रही है।बता दें कि 29 सितंबर 2008 में रमजान के दौरान हुए इन धमाकों में चार मुस्लिमों की मौत हो गई थी जबकि 79 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में कुछ हिंदू कट्टरपंथी तत्वों को आरोपी बनाया गया है।इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया।इनमें से चार को बेल मिल चुकी है।एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में रोहिणी ने कहा कि एनडीए के सत्ता में आने के कुछ दिन बाद ही उन्हें इस मामले की जांच कर रही एनआईए के एक अधिकारी की कॉल आई।रोहिणी के मुताबिक अधिकारी ने फोन पर न बात करके उनसे मुलाकात की।इस मुलाकात में अधिकारी ने कहा कि उनके लिए संदेश है। उन्हें इस मामले में नरमी बरतनी चाहिए।12 जून को इस मामले की नियमित सुनवाई के दौरान इसी अधिकारी ने कहा कि ऊपर के लोग नहीं चाहते कि वह इस मामले में पैरवी करें।कोई अन्य एडवोकेट को आगे की कार्रवाई के लिए बुला लिया जाएगा।68 साल की रोहिणी ने कहा कि वह चाहती हैं कि एनआईए इस मामले से उन्हें आधिकारिक तौर पर अलग कर दे।