बलात्कार के आरोपी नारायन साई के प्राब्लम्स उस भगवान नारायन तक नहीं पहुंच रही है, क्योंकि उनके पापों की परिहार (भलात्कार मामले से बचने) की कीमत लगभग 13 करोड से भी ज्यादा डील करने के बाद भी काम नहीं बना। सूरत सब जेल में कैद नारायण साई को फिलहाल अभी राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। नारायण साई के केस की सुनवाई आगामी 10 मार्च से शुरू होने की सम्भावना जताई जा रही है। नारायण साई को शुक्रवार को सूरत जिला सत्र न्यायालय में पेश किया गया | नारायण साई के वकील ने बताया कि उनका क्लइंट पिछले कई दिनों से अस्वस्थ है। पुलिस से बचने के लिए उसकी मदद करने वालो के खिलाफ भी सूरत पुलिस ने आईपीसी की 212 धारा के तहत कई लोगो गिरफ्तार किया था। हे नारायण इनके नज़रों से बचना मुमकिन ही नहीं नमुमकीन है। नारायण साईं के प्रकरण में सूरत पुलिस ने अलग-अलग प्रकरण में नारायण का सहयोग करने वाले करीबन 35 आरोपियों पर मामला दर्ज किया था । इसके बाद मामले में अधिकांशतः आरोपियों को जमानत मिल गयी हैं, जबकि नारायण और उसका करीबी सेवक हनुमान उर्फ़ कौशल ठाकुर अभी भी नारायण के साथ जेल में हैं ।एक तरफ आठ साधिकाओं की तरफ से गुजरात हाई कोर्ट में बलात्कार के आरोप से उक्त मामले को अलग करने के लिए पिटीशन फ़ाइल की गई है, जिसकी सुनवाई मार्च के प्रथम सप्ताह में होगी। इसके अलावा फरारी के दौरान नारायण की मदद करने वाले छह लोगो ने इस केस में गलत बताते हुए पुरे मामले को डिस्चार्ज करने के लिए गुजरात हाई कोर्ट में एक और अपील दायर की है, जिसकी सुनवाई 2 मार्च को होनी है। इन सभी मामलो को शुक्रवार को सूरत जिला सत्र अदालत के समक्ष रखा गया, जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 10 मार्च को तय की है।