मां अपने बच्चों के लिए ऐसे त्याग देती है, जिसका विचार करने को पूरी जिंदगी लग जाती है, वह आखरी सांस यानी मौत से भी लड़ जाती है अपने बच्चों के खातिर। इस बात का ताजा उदाहरण बड़ौदा में सामने आया है, पाडरा के ठिकरिया मुबारक गांव में रहने वाली महिला ने हिम्मत दिखाते हुए अपनी बेटी को मगरमच्छ के जबड़ों से बचा लिया है। गांव की रहने वाली 19 वर्षीय कांता विश्वामित्री नदी पर कपड़े धोने गई थी, जब वह अपने काम में मगन थी, तभी एक मगरमच्छ ने उसका पैर पकड़ लिया और नदी में खींचने लगा। बेटी के चीखने की आवाज सुनकर उसकी मां दिवाली उसे बचाने दौड़ी बेटी का हाथ थामा और दूसरे हाथ में कपड़े धोने की मोगरी से मगरमच्छ पर हमला कर दिया। 10 मिनट तक चले इस एनकांउटर में मां की हिम्मत और प्यार जीत गई और मगरमच्छ कांता को छाड़कर वहां से चला गया। कांता को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।