रतलाम के आठ साल के अब्दुल कादिर ने एक हादसे में अपना दोनों हाथ गंवा दिया इसके बावजूद वो पिछले दिनों कर्नाटक के बेलगाम में हुए राष्ट्रीय स्तर के पैरालंपिक खेलों में तैराकी का गोल्ड मेडल जीत लिया।
अब्दुल कादिर के हौसले को देखकर सरकार भी उसकी मदद को आगे आई और मप्र सरकार ने 13 लाख रुपए में अब्दुल कादिर के आर्टिफिशियल हाथ लगवाए।हादसे के 6 महीने बाद ही अब्दुल ने न सिर्फ अपने पैरों से लिखना सीख लिया बल्कि तैराकी में भी मास्टरी हासिल कर ली।
पिछले दिनों कर्नाटक में हुए राष्ट्रीय स्तर के पैरालंपिक खेलों में अब्दुल कादिर ने 50 मीटर बैक स्ट्रोक श्रेणी में गोल्ड मेडल और फ्री स्टाइल श्रेणी में सिल्वर मेडल जीता है।उसके पिता ने अब्दुल के लिए एक साइकिल भी बनाई थी, जिसे चलाने के लिए हाथ की जरूरत नहीं है।
अब्दुल कादिर के पिता हुसैन इंदौरी ने बताया कि भोपाल में करंट लगने के कारण अब्दुल के दोनों हाथ खराब हो गए थे। जान बचाने के लिए दोनों हाथ काटने पड़े।जून 2014 में मुंबई के एक अस्पताल में उनके दोनों हाथ काटे गए।