दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल अब देश में बैलूंस के जरिए इंटरनेट प्रदान कराएगा। सरकार ने गूगल के प्रोजेक्ट के पायलट फेज को मंजूरी दे दी है।गूगल अपनी ‘प्रोजेक्ट लून‘ के तहत धरती से 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर बड़े आकार के गुब्बारों के उपयोग से इंटरनेट सेवा मुहैया कराएगा। इस तकनीक का पहले ही न्यूजीलैंड, कैलिफोर्निया व ब्राजील में परीक्षण कर चुकी है।
सरकारी अफसर के मुताबिक, गूगल ने लून प्रोजेक्ट और ड्रोन बेस्ड इंटरनेट ट्रांसमिशन के लिए सरकार से मंजूरी मांगी थी। सरकार ने फिलहाल लून प्रोजेक्ट के टेस्टिंग को मंजूरी दी है।
इस प्रोजेक्ट की टेस्टिंग के लिए शुरुआती दौर में गूगल बीएसएनएल के साथ हाथ मिला सकती है। गूगल ने इस प्लान पर 2013 में काम करना शुरू किया था। अगले साल तक दुनिया भर में एक बैलूंस का रिंग बनाएंगे जो कुछ इलाकों को हमेशा कवरेज करेगा। प्रत्येक बैलून 40 किमी डायामीटर के तहत कनेक्टिविटी देगा।
प्रोजेक्ट के लिए गूगल सोलर पैनल और विंड पॉवर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल करेगा। पहले इसे लॉन्च करने में 14 लोगों की जरूरत पड़ती थी लेकिन अब इसे ऑटोमेटेड क्रेन के जरिए प्रत्येक 15 मिनट में छोड़ा जा सकेगा।
सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन एंड आईटी के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी कमेटी जगहों की पहचान, एजेंसियों के साथ को-ऑर्डिनेशन आदि के लिए इस सुविधा का इस्तेमाल करना चाह रही है।