इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रुड़की से निकाले गए 72 स्टूडेंट्स को हाई कोर्ट ने राहत दी है।कोर्ट ने कहा है कि स्टूडेंट्स इंप्रूवमेंट एग्जाम दे सकते हैं।आपको बता दें कि स्टूडेंट्स ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में स्टूडेंट्स को निकालने के नियम के खिलाफ याचिका दायर की थी।दरअसल इंस्टीट्यूट ने शिक्षा का स्तर बनाए रखने के लिहाज से पिछले साल नियम बनाया था कि लगातार दो सेमेस्टर में पांच सीजीपीए से कम अंक पाने वाले स्टूडेंट्स को कॉलेज से निकाल दिया जाएगा।जब 73 छात्र दो सेमेस्टर में पांच सीजीपीए से कम अंक पाने वाले निकले तो उन्हें संस्थान से निष्कासन का नोटिस जारी कर दिया गया।अभिभावकों का दावा है कि संस्थान की वेबसाइट पर इस नियम की कोई चर्चा नहीं की गई है।फिलहाल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रुड़की ने निकाले गए 73 स्टूडेंट्स में से एक स्टूडेंट के निष्कासन का फैसला रद्द कर दिया है।आईआईटी-रुड़की से मिली जानकारी के अनुसार इस स्टूडेंट को एक सब्जेक्ट में ग्रेड नहीं दिए गए थे।ग्रेड्स की दोबारा जांच होने पर पाया गया कि स्टूडेंट का CGPA बढ़ गया है।इस वजह से इंस्टीट्यूट ने उसके निष्कासन का फैसला रद्द कर दिया।इस मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होनी है।