‘बेबी लाइफ बॉक्स‘ बचाएगा प्री-मैच्योर शिशुओं की जान

November 07, 2015 | 01:55 PM | 1 Views
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भारत सहित कई ऐसे देश हैं जहां नवजात बच्चे की मौत प्री-मैच्योर होने और वजन कम होने की वजह से हो जाती है। लेकिन भारतीय छात्र ने इस ओर एक ऐसा कदम उठाया है जिससे प्री-मैच्योर और कम वजन वाले बच्चों को बचाया जा सकता है। एक बार फिर दुनिया में भारतीय छात्र ने अपने नाम का झंडा लहरा दिया है। भारतीय छात्र ने इसके लिए दमदार तकनीक बनाया है।

मालव सांधवी नाम के इस छात्र ने कम खर्च में गत्ते की मदद से एक इन्क्यूबेटर विकसित किया है। भारतीय छात्र मालव सांघवी ने अपनी पढ़ाई इनोवेशन डिजाइन इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन इम्पीरियल कॉलेज लंदन और रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट से किया है, उन्हें लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में आयोजित प्रतियोगिता में अपनी इस खोज ‘बेबी लाइफ बॉक्स‘ के लिए तीसरा पुरस्कार मिला है।

सांघवी ने कहा कि ‘बेबी लाइफ बॉक्स‘ काम लागत में तैयार शिशुओं को रखने वाला इन्क्यूबेटर है जो नवजात शिशुओं को जमीनी स्तर पर मूलभूत देखभाल मुहैया कराता है।पूरे विश्व में जन्म के 24 घंटे में शिशुओं के मरने के मामले में भारत का प्रथम स्थान है।

पर्याप्त उपकेंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की सुविधाएं हैं लेकिन इनके पास समय से पूर्व जन्मे और कम वजन के शिशुओं की देखभाल के लिए बुनियादी ढांचे की कमी है।सांघवी ने अपना यह नमूना इम्पीरियल कॉलेज लंदन के हैकस्पेस कार्यक्रम से मिले मात्र 500 पाउंड की मदद से तैयार किया है।

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