भारत का पहला बुलेट ट्रेन कॉरिडोर दुनिया में सबसे सस्ती सेवा मुहैया कराएगा। अहमदाबाद से मुंबई के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए फिजिबिलिटी सर्वे कर रही जापानी टीम ने फेयर बॉक्स मॉडल बनाया है। इसके मुताबिक, बुलेट ट्रेन का किराया इसी रूट की दूसरी ट्रेनों के फर्स्ट एसी के किराए से डेढ़ गुना ज्यादा होगा।यह रिपोर्ट जुलाई महीने में रेल मंत्रालय के सामने रखे जाने की उम्मीद है। एक अंग्रेजी अखबर की रिपोर्ट के मुताबिक जापान की टीम इस बारे में सर्वे कर रही है कि 320 किमी की स्पीड से चलने वाली बुलेट ट्रेन के यात्री कितना किराया दे सकते हैं। फिलहाल इस रूट पर फर्स्ट एसी का किराया करीब 1895 रुपए है। यदि वर्तमान में बुलेट ट्रेन चल रही होती, तो उसका किराया 2800 रुपए के आस-पास होता।जापान में चलने वाली टोहको शिंकांसेन 713 किमी की दूरी के लिए आठ हजार रुपये वसूलती है। वहीं चीन की झिंगू हाई स्पीड ट्रेन इसी दूरी के लिए पांच हजार रुपये वसूलती है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2023 में जब तक मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलना शुरू करेगी उस वक्त तक इस रूट पर यात्रा करने वालों की संख्या करीब 40 हजार तक पहुंच जाएगी।इस कोरिडोर में करीब दस स्टेशन होंगे, जिस पर करीब 98 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। मुंबई-अहमदाबाद के बीच की 534 किमी की दूरी मौजूदा ट्रेनें आठ घंटे में पूरा करती हैं। वहीं, बुलेट ट्रेन को इस दूरी को पूरा करने में दे घंटों से भी कम समय लगेगा।सूत्रों के मुताबिक, जापानी टीम ने किराया का अनुमान लगाने के लिए अपने रेवेन्यू मॉडल के जटिल तरीकों के अलावा लोगों की राय को भी तरजीह दी है। अध्ययन में पता चला है कि अगर किराया इससे ज्यादा हुआ तो लोगों को फ्लाइट्स का विकल्प आकर्षित कर सकता है और यदि किराया थोड़ा कम हुआ तो यह रेवेन्यू मॉडल को सपोर्ट नहीं करेगा।