उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति वर्मा के खिलाफ लिखने वाले शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह की मौत हो गई है। जगेंद्र ने रामममूर्ति और उनके गुर्गों की करतूतों पर रिपोर्टिंग की थी, जिसके बाद उन्हें कथित रूप से आग के हवाले कर दिया गया था।जगेंद्र सिंह ने अखबारों में लिखा था कि समाजवादी पार्टी एमएलए और यूपी के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति वर्मा अपने गुर्गों की मदद से जमीन हड़पने से लेकर अवैध खनन जैसे अवैध कामों में लगे हुए हैं।उन्होंने फेसबुक पर भी राममूर्ति के खिलाफ एक पोस्ट डाली थी।आरोप है कि इससे नाराज विधायक ने जगेंद्र को फर्जी मामलों में फंसाने की कोशिश भी की थी।जगेंद्र के खिलाफ लूट, अपहरण और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज करवाया गया था।प्रत्यक्षदर्शियों और परिजनों का दावा है कि जगेंद्र सिंह की मौत के लिए पुलिस जिम्मेदार है क्योंकि उसी ने उन्हें जिंदा जलाने की कोशिश की थी।आरोप है कि 1 जून को पुलिस ने जगेंद्र के घर पर दबिश दी और मारपीट करने के बाद पेट्रोल डालकर उन्हें आग लगा दी।इन आरोपों पर पुलिस का कहना है कि वह एक मामले के सिलसिले में जगेंद्र के घर गई थी, मगर उसने खुदकुशी की कोशिश की थी।शाहजहांपुर ने एसपी का कहना है कि जगेंद्र सिंह को एक मामले में गिरफ्तार किया जाना था।हम उसे गिरफ्तार करने गए थे मगर उसने खुद को आग लगा ली।बुरी तरह से झुलसे जगेंद्र को शाहजहांपुर अस्पताल ले जाया गया था मगर हालत गंभीर होने की वजह से उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया।यहां भी उनकी स्थिति नहीं सुधरी और आखिकार उन्होंने दम तोड़ दिया।