दिवंगत राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम मेक इन इंडिया अभियान के प्रति थोड़े से शंकित थे। उन्होंने कहा था कि हालांकि यह अभियान काफी महत्वकांक्षी है। लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भारत कहीं दुनिया का काम लागत वाला और सस्ता निर्माण केंद्र बनकर न रह जाए।
डिजिटल इंडिया के बारे में उन्हें लगता था कि इसमें गाँवों और सुदूर इलाकों में जरूरी ज्ञान संपर्क को सक्रिय करने की क्षमता है और हमें साक्षरता, भाषा और विशिष्ट सामाग्री के निचले स्तर के कारण उपजे अंतर को पाटने की जरूरत है।
कलाम के अनुसार प्रक्षेपण के कुछ ही घंटे पहले तड़के तीन बजे हॉटलाइन पर भारत सरकार के एक बड़े अधिकारी सेषन का फोन आया। सेषन को और नहीं बल्कि उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कैबिनेट सचिव थे। शेषन ने पूछा था कि अग्नि को लेकर हमारी क्या प्रगति है। फिर बिना मेरे जवाब का इंतजार किए उन्होंने कहा कि मिसाइल परीक्षण में देरी को लेकर अमेरिका और नाटो की तरफ से हम जबर्दस्त दबाव में हैं। तभी उन्होंने तुरंत पहला सवाल दागा कलाम अग्नि को लेकर हमारी क्या प्रगति है कलाम के लिए इस सवाल का जवाब देना बहुत कठिन था। वह लिखते हैं, कुछ ही सेकंड में मेरे दिमाग ने लंबा सफर तय कर लिया मुझे पता था कि अमेरिका हमारे पीएम पर दबाव डाल रहा है। दूसरी तरफ हमारे युवा वैज्ञानिकों का एक दशक का परिश्रम था।
कलाम ने लिखा कि मैंने अपना गला साफ किया फिर कहा कि सर मिसाइल उस बिंदु पर है, जहां से वह लौट नहीं सकती है। हम उसे परीक्षण के ट्रैक से वापस नहीं ला सकते हैं। अब बहुत देर हो चुकी है।
कलाम को अपने ऑफिसर और शेषन से बहस की संभावना थी। लेकिन लगभग 4 बजे शेषन ने फिर फोन करे और कहा कि ठीक है। आगे बढ़ो। इसके 3 घंटे बाद 22 मई 1989 को अग्नि का परीक्षण संपन्न हो गया। यह उन समर्पित युवा वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम का नतीजा था। जो पृत्वी पर किसी दबाव के आगे नहीं झुके।
कलाम ने लिखा कि भारत का ढांचागत विकास असंतुलित रहा है। विभिन्न राज्यों और सेक्टरों में भारी असमानता है। निर्माण वृद्धि के लिए जरूरी ढांचे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
उन्होंने आगे लिखा है कि हम कहीं दुनिया में कम लागत वाला और सस्ता निर्माण केंद्र बनकर न रह जाएं। अगर हम उस रास्ते पर जाते हैं तो विकास के बदले जनता को एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
इस पुस्तक में 27 जुलाई को कलाम का आइआइएम शिलांग में दिया जा रहा अधूरा भाषण भी है। भाषण देने के दौरान ही वह अचानक गिर गए थे, जिसके कुछ समय बाद उनके निधन की घोषणा कर दी गई थी।