टॉयलेट बनाने के लिए बेच दी बकरी, पत्नी के गहनें भी रखी गिरवी

June 09, 2016 | 11:19 AM | 1 Views
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राजस्थान के डूंगरपुर जिले के एक आदिवासी परिवार ने शौचालय निर्माण की खातिर अपनी आजीविका की प्रमुख साधन बकरी बेच दी और गहनों को गिरवी रख दिया, लेकिन शौचालय बनवा कर ही दम लिया। डूंगरपुर-रतनपुर मार्ग पर सड़क के किनारे एक झोपड़ी में रहने वाला कांति लाल रोत एक मिल में दिहाड़ी मजदूरी कर अपनी विधवा मां, दिवंगत छोटे भाई की पत्नी और बच्चों तथा अपने पत्नी-बच्चों का पालन पोषण करता है। पिछले दिनों स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगरपरिषद डूंगरपुर ने विशेष अभियान चलाया और लोगों को शौचालय बनवाने के लिए समझाया। 

कांति लाल भी शहर से सटी बस्ती के कारण विधवा मां लाली रोत, अपनी दोनों बहुओं और खुद के लिए शौचालय की आवश्यकता महसूस कर रहा था लेकिन आर्थिक कारणों से यह संभव नहीं हो पा रहा था। अभियान के दौरान कांति लाल को बताया गया कि शौचालय निर्माण के लिए नगरपरिषद प्रोत्साहन राशि के रूप में केंद्र सरकार की ओर से चार हजार रूपये, राज्य सरकार की ओर से चार हजार रुपए तथा नगर परिषद की ओर से चार हजार रुपए यानी कुल मिलाकर बारह हजार रुपए दिए जाएंगे। इस पर कांति लाल शौचालय बनवाने के लिए तैयार हो गया। 

उसे जब शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि के चार हजार रुपए मिले तो पूरे परिवार ने हाथों से गुड्ढा खोद लिया। शेष राशि मिलने के बाद आवश्यक सामग्री खरीद कर उपर का ढांचा और पानी की टंकी भी बना ली परंतु अब उनके पास कारीगरों को चुकाने के लिए राशि खत्म हो चुकी थी। अब कांति लाल परेशान हो गया और फिर उसने अपनी बकरी बेच दी। 

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