मात्र 2 मिनट में बनने वाली मैगी को खाने वालों की कमी नहीं है।सिर्फ 2 मिनट में बनकर तैयार होने वाला मैगी कामकाजी महिलाओं की समय बचत करता है तो वहीं बच्चे इसे कुछ ज्यादा ही चाव से खाते हैं।लेकिन मैगी का शौक रखनेवालों के लिए बुरी खबर है।एक रिपोर्ट के मुताबिक मैगी में घातक कैमिकल होते हैं जो सेहत के लिए नुकसानदेह है।2 मिनट में पकने वाली मैगी नूडल को लेकर अब चैंकाने वाला खुलासा हुआ है।खाद्य नियामक प्राधिकरण ने मैगी की जांच करने पर पाया है कि उसमें मोनोसोडियम ग्लूटामेट केमिकल (एमएसजी) की मात्रा तय सीमा से ज्यादा पाई गई है।सूत्रों के मुताबिक जांच नतीजों के बाद उक्त विभाग ने दिल्ली स्थित भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को लिखित में मैगी का लाइसेंस रद्द करने के लिए कहा है।इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के नियंत्रक विभाग ने एफएसएसएआई को यह भी लिखा है कि पूरे देश में मैगी की क्वालिटी जांच होनी चाहिए।मैगी के सैंपल की जांच कोलकाता की रेफरल लैबोरेट्री से करवाई गई है।इन सभी सैंपल में मोनोसोडियम ग्लूटामेट केमिकल की मात्रा अत्यधिक है।बताया जा रहा है कि यूपी में मैगी पर बैन लगने के संकेत मिल रहे है।सूत्रों के मुताबिक मैगी में प्रति दस लाख 17वां भाग सीसा पाया गया है जबकि अनुमति प्राप्त सीमा 0.01 है।इसपर कंपनी का कहना है कि मैगी में सीसा की मात्रा नगण्य है और निर्धारित 1 फीसदी से भी कम है।गौर हो कि मैगी में इस रसायन की मौजूदगी सेहत के लिए बहुत खतरनाक है।