शीर्ष उपभोक्ता अदालत ने नेस्ले इंडिया के खिलाफ केंद्र के 640 करोड़ रूपये के मुकदमे के मामले में मैगी नूडल्स के 13 नमूनों की जांच के गुरूवार को आदेश दिये। केंद्र ने मैगी नूडलस में सीसा तथा एमएसजी (मोनोसोडियम ग्लुटामेट) मात्रा के संदर्भ में कंपनी पर कथित रूप से अनुचित व्यापार व्यवहार का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) की पीठ ने नमूनों और सील की जांच करने के बाद उसे मैसूर स्थित ‘सेंट्रल फूड टेक्नोलाजिक रिसर्च इंस्टीट्यूट’ भेजे जाने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति वी के जैन की अध्यक्षता वाली पीठ ने संस्थान से चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है।आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि लखनऊ में स्थानीय आयुक्त परीक्षण के लिये नेस्ले के गोदाम से मैगी के 100 नमूने लेंगे। मामले की अगली सुनवाई के लिये 23 नवंबर की तारीख तय की गयी है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि नेस्ले इंडिया अनुचित व्यापार गतिविधियों में शामिल थी। कंपनी ने मैगी नूडल्स पर यह लेबल लगाया था कि ‘नो एडैडे एमएसजी’ जबकि उसमें एमएसजी था। एमएसजी एक प्रकार का पदार्थ है जिसका उपयोग खाद्य उद्योग में स्वाद बढ़ाने के लिये किया जाता है।