आसाराम के बेटे नारायण साईं को गुजरात उच्च न्यायालय ने तीन सप्ताह के लिए अस्थायी जमानत दे दी है ताकि वह अपनी बीमार मां से मिल सके। साईं की मां का ऑपरेशन होना है। नारायण साईं बलात्कार मामले में जेल में बंद है।न्यायाधीश वीएम पंचोली ने साईं को सशर्त अस्थायी जमानत दी है। अपनी जमानत अवधि के दौरान वह पुलिस की निगरानी में रहेगा।अदालत ने साईं से कहा कि अगले चार दिन में भी यदि उसकी मां का ऑपरेशन नहीं हो पाता है तो भी वह सूरत जेल से रिहाई के चौथे दिन आत्मसमर्पण कर दे।आपको बता दें कि साईं और उसके पिता आसाराम के खिलाफ बलात्कार के मामलों के गवाहों पर हमलों की खबरों के बीच साईं के लिए यह राहत की खबर आई है। आसाराम बलात्कार के एक मामले में जोधपुर की जेल में बंद है।एक प्रमुख गवाह महेंद्र चावला पर इस साल 13 मई को हरियाणा के पानीपत जिले में हमला किया गया था। अब तक बलात्कार के मामले में गवाही देने वाले दो लोगों की हत्या हो चुकी है और चावला समेत चार लोगों पर हमले हो चुके हैं।पिछले साल जून में गुजरात के रहने वाले एक गवाह अमृत प्रजापति की राजकोट स्थित उनके क्लीनिक में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अभियोजन पक्ष के एक अन्य गवाह अखिल गुप्ता की भी उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उच्च न्यायालय ने 16 अप्रैल को साईं को तीन सप्ताह की जमानत दी थी ताकि वह अहमदाबाद के अस्पताल में अपनी मां लक्ष्मीबेन के ऑपरेशन के दौरान वहां मौजूद रह सके।हालांकि 29 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने इस आदेश में यह कहकर बदलाव कर दिया था कि साईं को उसकी मां के ऑपरेशन की तिथि तय होने के बाद ही जमानत पर रिहा किया जाएगा।आपको बता दें कि नारायण साईं सूरत की दो बहनों द्वारा दर्ज कराए गए बलात्कार के मामले में दिसंबर 2013 से जेल में बंद है।सूरत की इन दो बहनों ने साईं और आसाराम के खिलाफ बलात्कार की दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं।एक बहन द्वारा आसाराम के खिलाफ दर्ज कराए गए कथित बलात्कार के मामले में साईं की मां लक्ष्मीबेन को भी नामजद किया गया था। बाद में उसे जमानत मिल गई थी।साईं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत बलात्कार, अप्राकृतिक सेक्स, गलत ढंग से बंधक बनाने, गैर कानूनी रूप से जुटने, घातक हथियारों के साथ दंगा करने, आपराधिक धमकी और आपराधिक षडयंत्र जैसे मामले दर्ज हैं।