गुजरात के सस्पेंड आईपीएस अफसर संजीव भट्ट का एक कथित सेक्स वीडियो सामने आने के बाद गुजरात सरकार उन्हें नोटिस भेजकर 10 दिन में जवाब मांगा है। वहीं, भट्ट ने अपने बचाव में कहा कि वीडियो में नजर आ रहे शख्स की शक्ल उनसे मिलती जरूर है लेकिन वीडियो में वह नहीं हैं। भट्ट ने कहा है कि उन्होंने सरकार को अपना जवाब भेज दिया है।11 मिनट के इस वीडियो में भट्ट किसी महिला के साथ नजर आ रहे हैं। भट्ट वही आईपीएस हैं जिन्होंने साल 2002 के गुजरात दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए थे। भट्ट को साल 2011 में सस्पेंड कर दिया गया था। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात सरकार के गृह मंत्रालय को एक पेन ड्राइव में 11 मिनट का विडियो मिला था। भट्ट से इसी कथित सेक्स वीडियो का 10 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है।संजीव को 14 अगस्त को मिले इस नोटिस में उनसे पत्नी के अलावा दूसरी महिला से संबंध रखने पर जवाब मांगा गया है। इसमें कहा गया है कि भट्ट का यह व्यवहार एक आईपीएस ऑफिसर के लायक नहीं है और यह ऑल इंडिया सर्विस रूल्स का भी उल्लंघन है। उधर, भट्ट का कहना है कि उन्होंने अगले दिन ही नोटिस का जवाब दे दिया था। संजीव ने इसके जवाब में कहा है कि विडियो में दिखाई दे रहा शख्स वह नहीं बल्कि कुछ-कुछ उनके जैसा ही दिखने वाला कोई और है। इस नोटिस में गुजरात के गृह मंत्रालय में अंडरसेक्रेटरी एवी वाला के साइन हैं और इसमें कहा गया है कि विडियो की गांधीनगर फॉरेंसिक लैब से जांच करा ली गई है। इस वीडियो से कोई छेडछाड नहीं की गई है, यह असली विडियो है।हालांकि, इसमें यह नहीं लिखा गया है कि विडियो में दिखाई दे रहे शख्स संजीव भट्ट ही हैं। भट्ट ने अपने जवाब में लिखा है कि क्लिपिंग को करीब से देखने पर उनके और विडियो में मौजूद शख्स के चेहरे में काफी अंतर नजर आएंगे। इसमें उनकी नाक, माथे और दोनों कानों का साइज और शेप अलग-अलग है। उन्होंने कहा है कि वह अपनी बात साबित करने के लिए गुजरात या किसी भी लैब में डीटेल्ड बायॉमेट्रिक एग्जामिनेशन के लिए तैयार हैं।