सुप्रीम कोर्ट ने पूरे केरल राज्य में शराबबंदी लागू करने के तहत बनाई गई केरल सरकार की शराब नीति पर मंगलवार को अपनी मुहर लगा दी।इस नीति के तहत सिर्फ फाइव स्टार होटलों के बार में शराब परोसने की इजाजत होगी।
सर्वोच्च न्यायालय की एक पीठ ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया कि केरल सरकार की शराब नीति को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज की जाती हैं और शराब नीति को बनाए रखने के केरल हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा जाता है।
शीर्ष अदालत द्वारा बरकरार रखी गई शराब नीति सिर्फ पांच सितारा होटलों के बार में शराब परोसने की अनुमति देती है। इस नीति के तहत गैर पांच सितारा होटलों में शराब की बिक्री व सेवन वर्जित है।
राज्य के होटल और बार मालिकों ने इस नीति को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
केरल में सबसे ज्यादा 14.9 फीसदी शराब की खपत है। राज्य में शराबबंदी की नीति बनाई गई है जिसके तहत सरकार ही शराब की सप्लाई करती है और राज्य में शराब की 732 दुकानें हैं जहां से शराब खरीदी जा सकती है। राज्य में सिर्फ 20 फाइव स्टार होटल हैं और सिर्फ उन्हें ही बार के लाइसेंस दिए गए हैं।