शीना बोरा मर्डर केस की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी के दवा की कथित ओवरडोज के मामले में नया मोड़ आ गया है। जांच अधिकारी इंद्राणी को जेल में जहर दिए जाने की आशंका से भी इनकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने इस दिशा में जांच शुरू कर दी है। यह खुलासा महाराष्ट्र गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने किया है।
दरअसल इंद्राणी को शुक्रवार को भायखला जेल से अचेत अवस्था में हॉस्पिटल लाया गया था।पहले यही माना जा रहा था कि इंद्राणी ने आत्महत्या करने की कोशिश की है लेकिन अब इस अधिकारी ने केस के एकदम नई दिशा में जाने की बात कही है।
एक अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक तौर पर ऐसा नहीं लगता कि इंद्राणी कई दिनों तक गोलियां जुटाती रही और फिर उन्हें एक साथ खा लिया। जेल में हमेशा एक डॉक्टर मौजूद होता है। उसी की निगरानी में कैदियों को दवाएं दी जाती हैं। इसलिए इंद्राणी का एक साथ इतनी दवाई खाना मुमकिन नहीं लगता।अधिकारी के अनुसार इन सारी संभावनाओं पर विचार किया गया है। इंद्राणी तक दवा पहुंचने के सभी तार्किक तरीके बहुत दूर की संभावना लग रहे हैं। ऐसे में हमारा पूरा ध्यान इस बात पर है कि कहीं किसी ने उसे जहर देकर मारने की कोशिश तो नहीं की है।
अब जांच अधिकारी अन्य कैदियों, कुक और जेल अधिकारियों समेत उन सभी लोगों से पूछताछ कर रहे हैं, जो जेल में इंद्राणी के संपर्क में आए थे। फिलहाल इस मामले की जांच आईजी जेल बिपिन कुमार सिंह कर रहे हैं। वह अपनी रिपोर्ट नौ अक्तूबर की शाम तक गृह विभाग को सौंपेंगे।